गुरुवाणी (दशलक्षण पर्व) Guruvani (Dashlakshan Parv)

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“गुरुवाणी- दसलक्षण पर्व” यह पुस्तक मुनिश्री क्षमासागर जी महाराज के द्वारा २००२ में दसलक्षण धर्म पर दिए गए प्रवचनों का संकलन है।

इस पुस्तक में मुनिश्री ने धर्म के स्वरूप को समझाया है। उसका साधन कर अंतः बाह्य सभी आडंबरों से, परिग्रह से मुक्त होकर ब्रह्म की चर्या में लीन होने तक के मार्ग के प्रति श्रद्धा जागृत कर अपने जीवन में प्रयोग हेतु यत्न करने और परिणाम को प्राप्त करने के लक्ष्य को उत्तरोत्तर सुदृढ़, स्पष्ट व निर्मल बनाने का मार्ग बताया है।

मुनिश्री के संबोधन आत्मबोध हेतु प्रेरक होकर व्यक्ति के विचारों की धारा को सम्यक् दिशा में प्रवाहित करते हैं। मर्म को छूती हुई उपदेश शैली हृदय की ग्रंथियों को खोलने हेतु झँझोड़ देती हैं; बीज बनकर भावी वृक्ष को संभावना जागृत करती है।

In stock

Description

यह पुस्तक मुनिश्री क्षमासागर जी महाराज के द्वारा २००२ में दसलक्षण धर्म पर दिए गए प्रवचनों का संकलन है।

इस पुस्तक में मुनिश्री ने धर्म के स्वरूप को समझाया है। उसका साधन कर अंतः बाह्य सभी आडंबरों से, परिग्रह से मुक्त होकर ब्रह्म की चर्या में लीन होने तक के मार्ग के प्रति श्रद्धा जागृत कर अपने जीवन में प्रयोग हेतु यत्न करने और परिणाम को प्राप्त करने के लक्ष्य को उत्तरोत्तर सुदृढ़, स्पष्ट व निर्मल बनाने का मार्ग बताया है।

मुनिश्री के संबोधन आत्मबोध हेतु प्रेरक होकर व्यक्ति के विचारों की धारा को सम्यक् दिशा में प्रवाहित करते हैं। मर्म को छूती हुई उपदेश शैली हृदय की ग्रंथियों को खोलने हेतु झँझोड़ देती हैं; बीज बनकर भावी वृक्ष को संभावना जागृत करती है।

Additional information

Weight 206 g
Dimensions 21.5 × 14 × 1 cm
Number of Pages

134

Language

Hindi

Binding

Paperback

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