Welcome to the e-version of Jain Paaribhashik Shabdkosh written by Munishri Kshamasagar Ji. The original dictionary has close to 5000 words.
It is a great tool for every learner of Jainism. Much like his discourses, the dictionary is unique and a masterpiece for its simplicity and careful choice of words and explanation.
एक सामान्य पाठक जैनदर्शन का अध्ययन करते समय या धर्मोपदेश आदि सुनते समय शब्दों का अर्थ स्पष्ट ना हो पाने के कारण मुश्किल का अनुभव करता है, इसी बात को ध्यान में रखते हुए अभीक्ष्ण ज्ञानोपयोगी मुनिश्री क्षमासागर जी महाराज ने लगातार बारह वर्ष तक चिंतन-मनन के उपरांत इस शब्द-कोश का निर्माण किया है, जिससे सामान्य पाठक समय पर तत्काल लाभ ले सके। यह मुनिश्री के सतत श्रुताभ्यास का ही परिणाम है कि जन-जन के लिए उपयोगी यह शब्दकोश जिसमें तत्व ज्ञान, आचार शास्त्र, कर्म सिद्धांत, भूगोल और पौराणिक चरित्र आदि विषयों से सम्बंधित पांचहजार शब्दों का संक्षिप्त परिचय दिया गया है। मुनिश्री के इस शब्दकोश ने अवश्य ही उनकी कीर्ति को जैन आगम में अमर किया है।
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