Description
“संबंधों का विज्ञान”
मुनिश्री क्षमासागर जी महाराज के आपसी संबंधों के विषय पर प्रवचनों का यह संकलन, संबंधों में खोई हुई मिठास वापस भरने और आपसी संबंधों की सरसता बनाये रखने हेतु अत्यधिक उपयोगी है। पाठक को पता ही नहीं चलता कि कैसे मुनिश्री उन्हें छोटे-छोटे उदाहरणों के माध्यम से संबंधों को सुंदर और यथार्थ बनाने के बहुमूल्य सूत्र सिखा देते हैं। आचार्य भगवंतों ने परिवार-निर्माण और आगामी पीढ़ी को संस्कार देने की जो प्रक्रिया रखी है, मुनिश्री की सहज और सरल शैली से वह और अधिक प्रासंगिक और उपयोगी मालूम पड़ती है।
ये प्रवचन जीवन जीने की कला और आत्म-कल्याण का विज्ञान दोनों एक साथ सिखाते हैं। मुनिश्री बताते हैं कि कैसे सरल, सहज और निःस्वार्थ संबंध, धीरे-धीरे हमें स्व-पर कल्याण के मार्ग पर अग्रसर कराते हुए, एक दिन सारे संबंधों से मुक्त होने में सहायक बन सकते हैं। प्राणीमात्र से पवित्र संबंध स्थापित कर हम सहज ही भगवान से अपना संबंध स्थापित कर सकते हैं।